पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/१०७

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मारतके प्राचीन राजधश- भी इसका उस पाया जाता है । जैसे-झोयशले ( यादव ) रामा बाल प्रपाकी तीन रानिमाँ गाने और नाचनेमें भी कुशल था । इनके नाम पदमलदेवी, मावालदेवी और घोप्पदेय थे। बहाल्का पुन विष्णुवर्धन और उसकी रानी शान्तदेवी, दौनों, गाने, खाने र नाचने में चट्टै निपुण में'। । सोमेश्वरके समयका सबसे पहला लेख (वर्तमान ) ० ० १०९६ (वि० सं० १२३३) का मिला है। यह लेप उसके राज्यके दसवें चर्प लिंफो गया था। इसी थर्पमें उसकी देहान्त होना सम्भव है। ५ संकम (निशंकमछ) यह सोमेश्वर डौटा माई यो, ती उसके पीछे उसको उत्तरा- चिफारी हुभा । इप्तको नशम् भी कहते थे । मनके नाम साथ भी में ही खिताब लिखें मिलते हैं, जो खिलाप्त होगेश्वरके नाम- के साथ हैं। ( वर्तमान) श० स० ११.०३ (वि० सं० १२३५७) के लैसमें कम- के अन्य पाँच वर्ष लिंग्सा हैं। ६-आझमछ। | यह समझा छोटा भाई था और उसके नव गद्दी पर बैठा । इसके नामके साथ मी ३ । पूर्वेक सोमेश्वरवाले जिताने लगे हैं r( वर्तमान ) झa स० ११८३ से ११०६ (दि० स० १२३७ से १२५०) तङ्के आवमल्लके सभयके केंस मिले हैं। ७-सिंघण ।। यह आवमल्लका छोटा भाई और उच्चराधेअरी था। श० स० ११५ ( वि० सं० १२४० ) का प्याक समयका एक ताम्रपत्र मिला है। (१) Ehthan Jalgols inacript as a ३६