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भारतके प्राचीन राजवंश-
 

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भारतके प्राचीन राजवंश कुमारपालका सामन्त परमार विक्रमसिंह राज्य करता या । यह भी अपने मालिक कुमारपाली सेनाके साधं था। जिनमण्हन अपने कुमार पालप्रवन्घमें लिंसता है कि विक्रमसिंह हाईकै समय अर्णोराज्ञसे मिल गया या । इसलिए उसको कुमारपालने कैद कर लिया और का राज्य उसके भतीजें यशोघलो दे दिया । अतः अचू पर विक्रमसिंहका राज्य करना सिद्ध है । उसका नाम पूर्वक्त दोनों से भी प्राचीन माञपङ्कायमें मौजूद है। | १३-यशोधवछ । यह विक्रमसिहका भतीजा था। उसके कुछ किये जाने के बाद यह गद्दी पर बैठा । कुमारपाड़ॐ शनु मालवे के राजा चल्लाल्को इसने मारा । य; बात पूर्वोक वस्तुपाल-लैजपके हैराने और चलेश्वरकै लेरासे भी प्रकट होता है। इसी रानी का नाम समाग्प३ था । यह चौक्यबाकी थी । इसके दो पुत्र थे—पायर्ष और प्राइवेव । विश्म-सवत् १२०३ (ईसवी सन ११५६) का, इसके न्य-समयका, एक शिलाळेस अनार वसे मिला है । उस रा है | प्रमार पचमहानदीपयोपयन्सने इससे उस समयमें इसका राज्य होना सिद्ध है। (1) वान्मही विदितान्यनयात्र स्पन यशैघवल ईस्त्र पसे ।। यो गुर्भपतषतिपक्षमा । बइम्मतिमन मस्मेिदिनीन्दम् ।। १५ । (ममा मदिरा ) पश्यनुप्रिय मित गः गृवर या पध्मएप'न् ॥ १५॥ -गरपः - र, रिम- ११५ , मान) १६