पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/१३९

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भारतके प्राचीन राजवा | अर्थान--(जसने युवराजको जीत फर उसके सेनापतिपको माया और त्रिपुरी पर तल्दार दाई । | मुझे समयमें युवराज, दुसरा, चैदीका राजा था । उसकी राजधानी निपुरी ( तेंवर, जिला जबलपुर ) थीं। चेदीका राज्य पडोसने होने से, सम्मव हैं, मुन्नने हमला करके उस जयानको ग हो । पर चदीय समय राज्य मुझके अधीन कभी नहीं हुआ। उस समय कृपन ३ दरम्य राजा ने लपके अन था, जिसकी मुने मूई बार तो । प्रचन्धचिन्तामणि अन्य कञ्चने भी यह बात हिंत्री हैं 1। | इसी तरह ही इश पर भी मुझने चडाई की हों तो सम्भव है। बीजापुरके विक्म-मवत् १०५३ १९७ ६ सव) के हस्ति (इयू) के राष्ट्रकून राजी भैॐ पसे' पाया जाता है कि मुने मैवाई पर भी चदाई की थी। उसी उमेय, शायद, मेवाइसे गागे बढ़ कर वह गुजराती तरफ गया हो । उस समय गुगत का उत्तरी मा चालुक्य मूलराजने अपने अधीन ररिया या, और झाटदै चाक्य राजा वायॐ अन या । ये दोनों पिसमें लडे । ३ । परन्तु फट और चल ये दोनों देश, माळवेस बहुत दूर हैं । इसाए वहाँगाहोंने मुन्नी दटाई वास्ता , दा केवल प्रशसाके लिए ही बने यह वीव हि दो-इसका पूर्ग निश्चय नै हो सकता 1 | पन्चन्ताम िक मैन्नुहने मुन्ना सरित विस्तार टिया है। इतका दिन आप नीचे दिया जाता है। वह खिता? - मारवाके परमार राजा को एक दिन पूमने ! पर नाम घाम बन ! समय जमा १६ बहुत ही सुन्दर बाहषा । (१)Jagr, 4, 5 , than 1 sl I II, Pari, T ati