पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/१५६

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मालचेकै परमार। यदुनृत्यमापजिनिबलों [य] मला दोच्या पद्धानि कथयन्ति न [य] ले [कार्] it अर्यवं भोजने चेदीश्वर, इन्द्ररय, भीम, तोयल, कणटि और छाटके राजा, गुजरात के राजा और तुको जीता। मोजक्का समकालीन चेदीका राजा, १०३८ से १०४२ ईसवीं तक, कलचुरी गाङ्गेयदेब थी। उसके बाद, १०४२ से ११२२ तक, उसका लड़का और उत्तराधिकारी कवन गा, जिसकी राजधानी दिपुरी थी 1 ईन्द्रय और तोला कुछ पता नहीं चलता कि वे कौन थेभीम अणहिलवाढेङ्गा चालुक्य मीमदेव (प्रथम) या, जिसका समय १०२२ से १०६३ ईसवी है। कर्णाटक राजा जयसिंह दूसरा था, जो १०१८ से ११४० तक विद्यमान था । उसका उत्तराधिकारी सोमेश्वर ( प्रथम ) १०४० से १०६९ तक रहा । तुरुकोंसे मुसलमानोंका बोध होता है, क्योंकि बहुतसे दूसरे लेखॉमें भी यह शब्द उन्हींके लिए प्रयोग किया गया है। राजवल्लभने अपने मोजचरितमें लिखा है कि जब भने राज्यकार्य अहण कर लिया तष मुकी वी कुसुमयत (तैलपकी वाहन ) । शुन्यसे भोजके सामने एक नाटक खेला गया। उसने तैलप इवारी मुक:का चघ दिखलाया गया । उसे देखकर भोज बहुत ही कुद्ध हुआ और कुसुमवतीको मानी पोशाकमें अपने साथ लेकर तैल्प पर उसने चढाई की और उसे कैद करके मार मी डाला । इसके बाद कुसुमतीने अपनी शेष आयु सरस्वती नदी के तीर पर घौङ संन्यासिनकै धेशमें बिताई। यह या $वि-पिस जान पड़ती है, क्योंकि मुञ्जको मारने के बाद तैलप ९९७ ई० में ही मर गया या, जब मोज थत टोंटा था। यह तैलप छ। पत्र, विक्रमादित्य पञ्चम ( कल्याणका राजा) हो सकता है। उसका राज्ञवाल १९०९ से १०१८ तफ अ । सम्भव है, इस पर चदाई करके मजने उसे पड़ लिया है। और मुका बदला लेने के लिए उसे