पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/१६७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

________________

भारतके प्राचीन राजवंश पूर्वोक्त दानपनका समय है। तीसरा, वि० सं० १०९९ (१०४२ ६षी) जन राजमुगाङ्क नामक अन्य वन मा ।। | इससे प्रतीत होता है कि मॉन वि० सं० १ ०९९(१०४२ ईपी) तक विमान था । उसके उत्तराधिकारी नमसिहको दानपत्र वि० सं०१११२ ( १०५५ ईसवी) वा मिला है। जयसिंहने योद्धे ही समय तक राज्य किया था। इससे भौका देहान्त वि० स० ११ १६ या ११११(१०५३ यी १०५४ ईसी) के आसपास हुआ होगी । डाक्टर बुलाने भोज राज्य को प्रारम्भ १०१० सी १ वि० स० १०६७ ) से माना है । परन्तु यद इसका राज्यारम ( दि० स० १०५७ ) १००० ई० से माना जाय तो भोनक्का ज्य-काळ इसके विषयमें कहीं गई मविष्याणसे मिल जाता है। यह पाणी यह है : पथदिपञ्च िमसमास दिनत्रयम् । भोजभेने भौम सगो एक्षिणापथ ॥ अर्यात् भोज ५५ पाँ, ७ महीने र ३दिन राज्य करेगा । ऐसी मविप्याणियां बाइमें ही कही जाती हैं । तारीख़ फरिझ्लासे मा पूर्वोक्त आनन्दपाली मददसे १००६ में इसका होना शिवं होता है। रातकीरने उस पुस्तकके सातवें तरङ्गमें काश्मीरकै ना - शके वृत्तान्तमें निरित्रित म्लो वा है - स च भौध दाय विश्रुतौ । सूरी तरिम तुम द्वापार ऋत्रितापगी ॥ १५९॥ अपात् उस समय भोज और ब्लश दोनों बराबरीके दानी, विद्वान और यॉई आश्रयदाता थे। इसी प्रकार धमादेक्यरितमें भी एक श्लोक -- यस्य भासा f६तिपारिदिन्नौजधानम्। भलाभूरयामामा छोइरादोऽभूत् ॥ ५३॥ ११४