पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/१७४

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मालचेके परमार। पृथ्वीराजचरितमें लिया है किं भरके चौहान राजा दुर्लभ ( तीसरे ) रे घोड़े HFस फरके मालवे जिा उठ्यादित्यने मुजतके राजा कर्णको ती । इससे अनुगीन होता है कि भीजफा बदला लेनेहाके लिए उदयादित्यने यह चड़ाई की हौ । गुजरात इतिहास-लेखकोंने इस पट्टाईका वर्णन नहीं किया, परन्तु इसकी सत्यतार्ने कुछ मी सन्देह नहीं । हमार-महाकाव्यमें लिखा है कि शाकम्भरी ( सेभिर ) के राजा इस्रा ( दुर्लभ ) नै उड़ाई को मारा | इसरो अनुमान होता है कि यद्यपि भजन चौहान इलेम पिता वीर्यमको मार था; तथापि उद्यादित्यने गुजरातवालासे वेदला लेने के लिए चाहानसे मेल कर लिया होगा और उन दोनने मिलकर गुजरात पर चढ़ाई की होगी। चिंक्रमादेनचरितमें लिखा है ॐि विक्रमादित्याने जिस समय कि उसका पिता सौमैयर राज्य करता था, माल के राजाकी सहायता करके उसे धाराकी गद्दीपर बिठाया । इससे विदित होता है कि उस समय इन दोनों आपसी चुत दूर हो गई थी ।। | उदयादित्य विद्याका बड़ा अनुरागी था । उसने अपने पुत्रों को अकड़ी विद्वान बनाया । अनुमान है कि उमाके दुसरे पुत्र नर्मदेवने एकसे अधि% प्रशसियो उ कराई। उदयात्यकी भोजके साथ क्या राम्चग्य था, इसका पता नहीं लगता 1 इस रानाके दो पुत्र थे, कामदेव और नर्मदेच । वे ही एक बाद एक इराकै उत्तराधिकारी कुहुए ! इसके एक फन्या भी थीं. निसका नाम इयामलादेवी था । यह मेवाइके गुछि राना विजयसिंहासे ब्याई गई 1 इमामलादेवी आल्यादेवी नामकी कृपा उषम हुई, जिसका विवाह दी हैहयवंशी राजा गपकसे हुआ। (१) पृथ्वीराज चरित, ऋो ७१।