पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/२१४

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पड़ोसी राज्य !. पड़ोसी राज्य । अब हम इस समय मालवे निकटवर्ती उन राज्यका भी संक्षिप्त वर्णन करते हैं जिनसे परमाका घनिष्ठ सम्बन्ध था । में राज्य में :-- गुजरात चौलुक्यों और बघेलका राज्य, दाणकै नौलुक्यॉफ राज्य, चेंदिवालों और चन्देका राज्य ।। | गुजरात । अठारहवीं सबीके मध्यमें वल्लभी-राज्यको अन्त हो गया । उसके उपरान्त चावड़ा-बंश मत हुआ । इसने अछिपाटण ( अनहेलथाहा ) नामक नगर बसाया । कोई दो सौ वर्षों तक वहाँ पर उसका राज्य हो । ३० स० ९४१ में चालुक्य सोली ) मूलराजने चावडोसे गुजरात छीन लिया । उस समय हैं। स ० ' १९२३तक, गुग तिमें, मूलराजके वंशजका राज्य रहा। परन्तु ई० सं० १२३५ में घौकाके पेलने उनको निकलि झर वहाँ पर अपना राज्य-स्थापन कर दिया । ६० स० १२९६ में मुसलमानों के द्वारा में भी बहाँसे हटाये गये 1 गुजरात वालोंके और परमारों के बीच बराबर झापड़ा रहता था । | दक्षिणकै चौलुक्य ।। ई० स० ७५३ से १७३ तक, दार्म, मान्यखेटके राष्ट्रकूटों को बड़ा ही प्रल रोज्म रहा। इनका राज्य होने के पूर्व वहाँकै चालुक्य भी : गड़े मतापी हो । उस समय उन्होंने झनके बाजा हर्षवर्धनको भा हुई। दिया था । परन्तु, अन्तर्म, इस राष्ट्रकूट वंशकै चौधे राजा यान्ति द्वारा वे मुराये गये। ऐसा मी कहा जाता है कि दान्तिइने मालवा(६ मय फरके दर्जनों बहुतरा बान दिया था । उसके पुन कृष्ण के समय - राष्ट्रकूटका बस और भी बढ़ गयी थी । कृप्याने बलोर पर केला " },4-5...I.. . 10,1, प्र.:.