पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/२१६

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पड़ोसी राज्य । में बारहवें राजा गाड्यदेवको हराया था । गाङ्गेयदेवके पुत्र कर्णने मनसे सुरही एक गाल प्राप्त की थी। अन्त गुजरातके भीमदेय (अथम ) से मिल कर उसने मोज़पर चढ़ाई की । उस समय ज्वरसे भौजी मृत्यु हो गई । इसके कुछ वर्ष बाद भौजकै कम्बी उदयादित्यने उसे हराया । इस वंशकै पन्द्रहवें रोजा गयकर्णदेबने वयादिस्यकी पोती आल्हूणवीसे विवाह किया था । | चन्देल-राज्य] नग्री पद जैनाती ( बन्देलखण्ड ) के चन्देलका प्रताप द्वा । परन्तु परमार का इनके साथ बहुत कम सम्बन्ध रहा हैं। कहा जाता है कि मोज ( प्रथम ), चन्देल विद्याघर से डरता थ} शधा चन्देल यशवम मालवैवाटांके लिए यमस्वरूप था । भङ्गदेबके रामयमें चन्देलराज्य मालमेकी सीमातक पहुंच गया था ! अन्य राज्य ।। मासै सम्बन्ध बनेवाले अन्य राज्यों में एक ते काइमर हैं। वहीं पर राजा भोज ( प्रथम ) ने पापसूदन तीर्थ बनाया था। उसका जड़ वह फंचिके धमें भरकर मॅगदाता था । दूसरा शाकम्मरी (समर) के आनका राज्य हैं। कहा जाता है कि गोनने चगान वीर्यरामक मारा था । ११) Ep. Tel, Vol. Is tel, Aff; fT, P, 11,(२) rol. II, PL 11, , Ind..