पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/२१७

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“मारतकै प्राचीन राजवंश वागड़के परमार । ----- - - १-डम्बरासँह । माघेके परमार राजा याङ्कपतराज { प्रथम ) के दो पुत्र हुएबैंसिसह ( दुसरा ), और इम्वरसिंह । जेष्ठ पुत्र चैरसिंह अपने पिता उत्तराधिका हुआ छोटे पुग्न इम्वसिंहको बागडफा इलाका जागीमें मिला । इस इलाकेमें ईंगरपुर और सवाहेका फूध हिस्सा शामिल घः ।। २-कङ्कदेय | यह डम्बरसिंह। घंशन यो । वि० सं० १०१९ (६० स० ९७३) ॐ करीन मालदेके परमार राजा सीपक, दूसरे ( श्रीहर्ष ) के जोर कर्णाटक राइ गरेदके बीच युद्ध हुआ यो । उस युद्धमें कदेने नर्मदा तट पर खोद्दिगईनी सैनाको परास्त किया था । उसी युझमें, लापीपर बैठ कर कुडता हुआ, यह मार मी गया था। ३-चण्ड प | यह कदमका पुत्र था । उसके पीछे दह गद्दी पर बैठा है। | ४--सत्यराज । यह चप्पक्का पुत्र और उत्तराधिकारी या । |५-मण्डनदेव । । यह् मत्पनिका पुन या और उसके मरने पर उसकी जागीरका मालिक हुआ। इसका दूसरा नाम मप्लीक मा ।, | ६-धामुपज्ञराज ।। या मण्डनकी पुत्र था । उसके पीछे उसका उत्तराधिकार हुआ ।