पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/२३४

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पल-व। ८-राज्यपाल यह नारायणपालका पुत्र और उत्तराधिकारी यी । इसकी सी, भाग्य-. देवी, राष्ट्रकूट ( राठेर ) राजा तुझी कन्या थी । इससे मौपाल (दुसरा) । उत्पम हुमा । यह राजा दु धर्मावलोफ मामसे रियाल था। इसके पिताका नाम कीतिराज और दादा नाम भन्न||धलाफ था। तुड़ के समयको एक लेखें बुद्ध गथामें मिला है ।। ९-गोपाल ( दूसरा )। यह राज्यपालका पुत्र और उत्तराधिकारी या । इसके पुवका माम, विग्रहपाल ( दूसरा ) था। १०-विग्रहपाल ( दूसरा ।। | यह गोपाल ( दुसरे ) का पुत्र था । पिताके पीछे यहीं गद्दी पर ४ । इसके पुत्रका नाम महीपाल था। | ११-महीपाल ( पहला)। यह विप्रहपाल { दूसरे ) का पुत्र और उत्तराधिकारी या । इसके समयका ( विक्रम संवत् १०८३ ) का एक शिलालेतं मरनाथ ( बनारस ) में मिला है 1 उसमें लिखा है कि मौढ ( बङ्गाल) के राजा महापालने स्थिरपाल और उसके छोटे माई वसन्तपाल द्वारा काशी में अनेई मन्दिर आदि वनवाये; धर्मनिक ( स्तूप ) और धर्मचक्रफा जद्धार राया और गर्भ-मदिर, जिसमें बुद्धको मूर्ति हुती हैं। मूवी बनाया । ये स्थिरपाल और वसन्तपाल, सम्भवतः, महीपालके छोटे पुत्र हैन । | हम पहले ही लिख चुके हैं कि पालवेशियोंके लेमें दधा उनके इज़-चप ही झिसे मिलते हैं । यही एक ऐसा छेख है जिसमें विक्रमसंयते लिखा हुआ है। (१) 18. 3 B, 0, P. 15. (१) Ind, An, vol. xiy