पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/२४

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जाता है कि नरा मून पुरुर बामुदेव गया पहानी नये आया था। "हार पनाया है। साला पहाट्या पटू धर्म पनाया जाता है कि उन भिर गसमें छोटे पडे रागालार पदासा कि वापरने अपनी हायरी किया है। चाहाने दिया धीर दानानि इना पावसाय सपादला कर दिया है और एकारी बीदानेगी सपादराय लिया है। आज इस लोग सौंभर, लममर और नागोरो उपादरक्ष का समतल , नगर कारमें भागोरके धामे और वारस बहाते है जहाँ पर स्वाररास आये हुए नार वरत है। साम्भर, दिशा, मनमर, और रणथमोरफे चौहान सभरी महलाते थे । इनाको दाखाम भानपल पापी टिकाना नमराणा इराके मारने १ और मैनपुरी, गवा वानरी तरफना मेपाने गये हुए चौहानोरे का बड़े बडे ठिकाने चेदय नगरह मेगा है। ये पुरनिय चौहान परति है। गजनसी चौहान सगरसे माडोसन आ रहा था। इसके पशन नादोश चाहान पहलाय । लालनमीकी पन्दाका पादाने वैग्या और बात हुए। ये बासस बे थे। इनमें से केव्हा तो नादालमे रहे। और दाने गारोका जारारका चिरा डीन रिया । यह पिता रिस पहाई पर है उसे सोनगिर रही है, इसीग सदक साप सोनगरा पहीन कहलाये। मुलतान बाहामुनिने जन पृ पारनमै दिनी भर जाउमैर फलद किया तब पाका साउदेसी उपका सहयार हो गया । दीसे सालोसा रान पई पीरिया सर्व एना रहा और खादिर भुल्तान अलाउदामन बरतने रावकान्हदेवरा गया । मार सिा सोनगर शाखास दो शाखाएँ और निकी एक देपा और मरा मकरा । देवता माहानने तो आबू और चारतातो पत्तर पणे परमासकी मराठी मायाप राज सग कर दिया । इन्ही (देव)के बाज आनकर मारहाके राज (राना) रारा शासावे चौहानोंन जालना शाखाये परोस मावार कर लिया था । इमास में सोचारा पगा। सीबोर मगर रोधपुर में है और दगा पासपासक बनुतने गौपनि साँचौरा सोनारी गाँदारा है। नया पाषा बीतवानका बाप है।