पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/२४६

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सेन वंश । घर पुल के पालवशी राजा धर्मपाने इन्द्रराज से क्रन्नोन इन कर फिर से -मालको है। वहाँका राजा बना दिया । हाक्टर राजेन्द्रलाल मित्र और जनरल कनिङ्ग्रहाम, सामन्तोनकों | बरसनका पुत्र या उत्तरार्धमा अनुमान करते हैं। परन्तु हेमन्तसेनके | पुत्र विशपसेनके लेख लिखा है क्षण दैवासनप्रभृतिभिरभित कीर्तिमद्रवपूढे । नमि सेनान्ववाने अनिकुलपित्रोदामनामन्त ॥ अन् उस चशमें वीरसेन आदि राजा हुए और उसी सेन-वशमें मामन्तसेन उत्पन्न हुआ। इससे चीरसेन और मनसेनके बीच टमरे राजाका होना 18g ना हो । मात्र है, ईसवी सनी ग्यारवा लाडके उत्तरार्ध ( विक्रममयकी बारहवीं शताब्दी पूवर्धि ) में सामन्तन हुआ हो । इसके पुत्र नाम हेमन्त था । | २-हेमन्तसैन । वह सामागका पुन था र उसके पीछे राज्यका अधिकारी है । इस रानीका नाम यशोद था, जिससे विजयनका जन्म हुआ। | सामन्त सेन और हेमन्तसेन, थे दोन साधारण राजा थे । इनका नविकार केवल बङ्गालके पूर्व के कुछ द र ही या । ये पालशेयके नामन्त ही हैं। तो आश्चर्प नहीं । ३-विजयसेन् । यह हैमन्तनका पुत्र और उत्तराधिकारी या । अररान, वृषभशहूर (१}F Ind **61 1,P 16