पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/२८४

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चौहान-बंश । कुछ विद्वान इसे महामारत पूर्वका असर हुआ मानते हैं। कनिहाम साहयका अनुमान है कि यह मानिकरायके पूर्वज अजयराजका बसाया हुआ है । उनके मतानुसार मानिकराय वि० ० ८७६ से ८८२ { १० स० ८१९-८९५) के मध्य विद्यमान थे । | जेम्स टौद साहचने अपने राजस्थान नामक इतिहास लिंग है B-44 अजमेर नगर अजयपालने बसाया था। यह अज्ञयपाल चौहान२ बीसलदेव के पुत्रकी वकृयि चराया करता था ।" उसमें उन्होंने बीसलवका समय वि० से १०७८ से ११४२ माना है। चौहानोंके कुछ भाटका कहना है कि अजमेरका किला और आना सागर तालाव दोनों ही वीसलदेव पुत्र आनाजीनें बनवाये थे। राजपूताना गवटियरसे प्रकट होता है कि पहले पहले यह नगर ३० स० १४५ में चौहनि अनल पुन जने बसाया । | जर्मन विद्वान सासन साझा मृत है कि अजमेरका असली नाम अजमीढ़ हो और ६० स० १५० के निकटके टाळेमी नाम लेख कने जो उपनी पुस्तकमें 'गगास्मर' नाम लिखा है वह सम्भवतः अजुभैरफा ही योधक होग। हुमणी-महाकाव्यसे विदित होता है कि यह गिर इस पेशके ये राजा जयपाल ( अजयपाल } ने बसाया था । शत्रुके संन्य-चन्ने जति लेने के कारण इस उपाँधं चक्री य ।। | प्रचन्द-कोश अन्तकी वंशावळमें भी उक्त अयपालको है। आज मेरके रिलेश चनवानेवाला हिंसा हैं ।। ११es, A E B, ४०1. IE, F 25, (२) Jun , A में है, of fi, P, 53,( ३ ) Tod's Rjakhnu, Fol Ik, , c३, १५ cau, A B 3. Ve!, TI1.252, १५) F 2,Yal TI, E, 14, (६) Indiches, A 5, Fol. III, P. 151, ३७