पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/३०९

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रणथम्भोरके चौहान १ . रणथम्भोरके चौहान । १-गोविन्दराज । हमीर-महाकाव्यमें पृथ्वीराजके पुत्रका नाम गोविन्दराज लिखा है। परन्तु प्रबन्धक शके अन्ाकी वंशावळीमें इसका नाम राजद मिलता है और पृथ्वीराजरोसा नामक कायमैं देणसी दिया है । । | हुम पहले लिख चुके हैं कि यह अपने चचा हरिराज द्वारा अजमेर निराला जानैपर रणथंभोरमें जा रहा था । परन्तु जर वहाँ से भी हरिराजने इसको भगाना चाहा तेच कुतुबुद्दीनने इसकी मदद कर उलटा हरिराजको ही भगा दिया । , ताल फरिइतमें इसका नाम 'कॉल' लिखा है । ताज़लम आसिरसे पता चलता है कि गोविन्दराज समय चहानकी राजधानी रायमर धी। ३-चाल्ग वेव । यह गोविन्दराजको सम्बन्धी अ या पुन, इस बात का पूरा पता हमार-महाकाव्यसे नहीं चलता है। | इसके सायका एक लेख वि० सं० १२:२ (६० रा ० १२१५ की , ज्येष्ठ फूण ११ का मंगलाष्णा ( मारवाड़ ) गवसे मिला है । इस विदित होता है कि यह सुलतान शम्सुद्दीन अल्तिमशका सामन्त था । इसके दो पुत्र थे । प्रल्हाददेव और वाग्मेट । ३-प्रल्हाददैछ । यह सामदेवको वह पुत्र मा ।। | शिकार करते समय सिंहने इसपर उग्रक्रमण कर इसका फंधा पत्रा हाला था। इससे इसकी मृत्यु हुई । मृत्यु के समय, फ्यॐ चालक ने