पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/३२२

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भारत् प्राचीन राजा कले पर आपको आकार इरमा देंगेजच यह सूचना हम्मीरको मिली तत्र उमनै पर्ने टम्म दौरतो गसिदैबके अर्पण कर दिया और धरसे निधन्ग है। वह सेनासहित शुल्तान पर टूट पहा । तर मीपणे मग्राम के बाद वीरगति प्राप्त हुआ ।” | भर नौने तारीक अाई नामक पुस्तक लि है। इसका दूसरा नहुन जानुर नुह भी है । इसके रचयिता सुसुरोका जन्म ३० सं० २११ (दि० २० १३१०-३० स० १२५३) में और देहान्त है० स० ६२५ ( वै स १३८-३० स० १.२५) में हुआ पा । उसम लेता है -

  • सुलतान अल्लाउद्दीनने आप मौरी घेर लिया । हिन्दू प्रत्येक वर्गमस नंबर करने लगे। यह देख मुसलमानांने अपने बचाव

ये रेतसे मरे वोराका वृक्ष बनायी र मजफॉ8 किले पर मिडके गले फरूना अगम्भ किया | अहुत से नवीन चनाये हुए मुहान भान यवनमैना छ। हुम्र्मर सेनास जा मिले । जय जिल्ला; महीने तक १ वि० सं० १,५८ ३ ३ श्रावण-६० स० १३०१ मायसे शुलाई ) नक सुलतानी सेना के नीचे ही रही । परन्तु अन्न छिमें यहाँ तक रसइक कमा हुई किं चावन्नई कीमर सोनसे गा दुगुनी हा है । यह हाल्न इस हम्मादेवन एक पहा पर अम जाकर अपनी स्त्रियों ३ उसने ना दिया और शाही फौज पर आक्षमण कर रगत प्राप्त की। यह पटना हिं० स० ६०० ६ ३ जिन्फ्राइ (वि से १३५८ मात्रणका ५) फी है। इसके बाद इस पर मुसळमानो अधिकार से गया और वह वाहडदेव आदि बनवाये हुए इंचमा हाइ इ गरे । | (१) = H I, Fql T F -