पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/३२३

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रणथम्भोरके पीटा। अमीर खुसरे अपने रचे हुए ' शिक' नामक काव्यमें खिता है " पार्श्वभरका राजा पियुय ( हम्मीर } पिथोरा ( पृथ्वीराज ) का संशज था । उसके पास १०० १० अरबी घौड़े और हाथियों सिवाय सिपाही आई भी बहुत थे । सुलतान अद्दीनने उसके फिलेको र फर भंजनके पत्थर बरसाने वार किंय । इसरों किलेके मोरचे ज्वर चूर होकर गिरने लगे और किलो परयसे भर गया । इसी प्रकार एक महीने के घोर युद्धके बाद क्लॅिपर अलाउद्दीनका अधिकार हो गया और । उसने उसे उलगखाके अधीन कर दिया। ऊपर जो किलका एक महीने में फतह होना लिखा है, सो इसका जापर्यं शमिद सुलतान स्वस बहीं पहुंचने के एक महीने बाइसे होगा। फीरोजशाह तुगलके समय जियाउद्दीन चर्ननि तारीख फीरोजशा नामक पुस्तक लिखी थी । उसका रचनाकाल ६० स० १३५७ है । उसमें लिंखा है:

  • दिल्ली के रायपोरा पोते हीदवसे रणथम रहा किला ऑननफा विचार कर मज़ाजद्दीनने उक्तगखा र नसरतम्रा जसपर चढ़ाई फरनेकी आज्ञा दी। उन्होंने जाकर बस किले घेर लिया । एक दिन नसरती किलके पास पुनः घनपा रहा था। ऐसे समय किके अन्दरसे मार द्वारा पायर हुभा पर उसके 3 लगा । इसकी सीटसे दो हैं। चीन /६नमें वह मर गया । जब यह समाचार सुलतानने सुना तब वयं रणभोर पपा । अन्तमें वढी सी वनितासे भारी कुन-खराबी हाल सुलतानने बिल पर अधिकार किया जर इम्मर हेयको तपा गुज़

तसे माग होकर हम्मीरफी शरणमें रहनेवाले नवीन नामें हुए मुसमानो मह हाला। उलगया यहाँका अधिंकारी बनाया गय।” (१) ED. I 1, Fol ill, I 64 (३) E E I, Yal III, P, 11-17.