पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/३२६

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भारतके प्राचीन रानपैंश चाई कर दी। इस युद्धमें यद्यपि हम्मीर विजयी हुआ, सयापि उसके झुके हुए निशानको किंकी ओर आता देस रानीने समझा कि राज शुन्दमें मारा गया । अतः उसने अपने प्राण त्याग दिये । जय मरन यह हा देखा तत्र स्वयं भी तलवारसे अपना मस्त फयट डाला ।' परन्तु ऐतिहासिक पुस्तकें लिखें वृत्तान्त भिन्न होने के कारण इस उपर्युक्त लेखपर विश्वास नहीं किया जा सकता। वि सं १८५५ में छवि जोधराजने हम्मरमासा नामक हिंदी माधाका काब्य बनाया था। यह कई नातिका गढ़ ब्राह्मण गौर नीमराके राजा चंद्मामा आश्रित या । इसने उपर्युक्त वृत्वान्नमें मरी वेमके स्थानपर विमना बेगम हिरा है । तथा वि० सं० ११४१. की कार्तिक वदी १२ विदारको हरको जन्न होना माना है । यह का भी ऐतिहाशिक दृEिमें विशेष उपयोग नहीं है । वि० सं० १३४५ का हम्मरके समयका एक शिलालेख मिला है । ' र इँदी राज्यके कैनालजक कुइपर लगा है। - -