पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/३३५

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भारतके प्राचीन राजवंश ३-बलिराज । यह शोभिता पुत्र और उत्तराधिकारी था ।। | सुंघा पहाड़ी के लॅपने लिंखा ---*...स्य तनूपये । गभर्गर्यसदनं ब{ ५ निंराजदेयो यो मुन्नराज य )लभंगमचीकरतं ।। ७ ॥" अर्थात् बलिराजने मुंजी सेनाको हराया । | यह मुंज मालवेका प्रसिद्ध परमार राजा ही होना चाहिये । हड़के से पता चलता है कि जिस समय मालबे परमार राजा मुने मैवापर चढ़ाई की थी, उम समय हुश्रूईके राठौटी राजा यलने मेवाडवालों की सहायता की घंः | शायद पडोसी होने के कारण इस गुदमें चलन मी धवल माग्न वाडकी सहायतार्य गया होगा और पई लोकका तात्पर्य भी सम्भवतः इस युद्ध होगा। ५-विग्छ । ह लक्ष्मण पुन आर भितकी छोटा भाई था । अपने मताने यालरनवे पीछे गया स्वामी हुआ । परन्तु उपर्यु संघा पहा लेपमें इसका नाम नहीं है। उसमें बलिराम याद उपके मनीने महीन्दुका और उसके दो उसके पुत्र धपाल र पन है का न जिज्ञा है । परन्तु पण्डित गौरीशंकर ओझाने माहोर से मिले वि. सं. १२१८ के दो ताम्रपन्नासे इसका नाम ,उद्धृत किया है। ये मपन मुंघा पहाडीकें देखने १०१ वर्ष पूर्वक होने से अचिंझ पियाम* ग्य हैं। ५-मन्द्र (मन्दुि}} , यह विमपाका पुत्र था । उपर्यु; मुंघाके में इसका नाम मनु मिला है और इसे बलिनका उत्तराधिकार माना। "{१}, IA, Ee, Fai.!! " ,"