पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/३३९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

________________

मारतके प्राचीन जिवंदा यह भी विदित होता है कि इसने होडेरे (सांडेराव ) नामक गॉदमें शत्रु को परारत कर विजय प्राप्त ॐ थी । यह गाँव मारवाटू-डुबाके बाढी परगनेने है। | मारघाट- सत् परगने के आइवा नामक गाँव में एक कामेश्वर महाचैवको मन्दिर है । इसमें वि० सं० ११३२ आश्विनकृष्णा १५ शनिवारका एक देव लगा है । यह अहिलके पुत्र जिन्दपाल (हिन्दपाल ) के समयन। है । यद्यपि इसमें उक्त नाम आगे [*मी प्रकार की उपाधियों नहीं लगी हैं, तथापि सम्भव है यह इसी निन्द्राके मया हो । नालके वि० सं० ११९४ कै रथपालके में जिंस जेन्द्रराजेंश्वर महादेव मन्दिरका उल्लेख है, वह सम्भवतः इसी के समयमें चनायो गया होगा। इम तीन पुत्र थे-पृथ्वाल, जौजलदेव और आसान ।। १-पृथ्वीपाल । | ग्रह जेन्दराजका घझा पुत्र और उत्तराधिकारी शा। • धके लेपने इस को गुजरात ( अपहिलवाहा ) के राजा की सेनाका परास्त करनेवाला छिंगा है । यह कर्ण नोगुस्य भीमदेई अjI मुन था । पारने शवोपालेश्वर गादेवा मन्दिर भी बनवाया था। १०-जोजलदेव यह जहाजका पुन और पृथ्वीपाला ॐाटा माई था, तथा उसके पा गौपर घड़ा। | इसका दूसरा नाम यो न म लिया है । धाके में दिए है कि (१) FT Ind, F} , r ,