पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/३४८

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मादलकै चौहानका बैंशवृक्ष 1 मय ३ दागिन् । ३ बलिराज ५ विहान्न ५ महेन्द्र । अश्वपाल । ६ अनहित ७ सरसाद ४ जेन्द्रराज - -- १५ जोजE { पुष्पाल १३ मंसिराज १३ छक रामपाल | अयन्तासिद् सृजपाले पार, अमृतपाल १५ फेण पञ६ (१) तपास (1) विजयसिंह , १ भालेरी शाश्वा } {सोवेरी शाश) । (१) जयपुरसे ६ माल उत्तर मण्डोर नामका पुरानी गाँव है। * किलेही जुदाईके ममय एक देय पपई मिला | उसमें एक गपके दानका वर्णन है। इस वृका देनेवाला मनपछि रापालका १, नपा। गौ। और पृपालका | पौत्र था। इसमें रायलिंक का नाम पदे ता । Arch. Sur. of India 1809-10, p, 101, - नाडीलर्क चौइनका वंश-वृक्ष!