पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/३५०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

________________

जालोरके सोनगरा घोहान । जालोरके सोनगरा चौहान । १–कीर्तिपाल । म पहुंचे जहण वर्णनमें लिख चुके हैं कि उसने अपने तीसरे पुग्न कीर्तिपास गुज्रेके लिये १ 11 दिये थे । इसी कंपारसे चौहान नगर शान चढ़ी। | राष्ट्र में लिंग है कि केल्हुणका भाई तपास या । इसने राहू राजा सलको रान मैया, कागड़ा युद्धमें मुसलमानों ग़ाया और जालोरमें अफ्ना निवास निभित क्रिया ।। वि० स० १२३५ (६० ० १ १७८) का एक लेस किंराइ सोमेश्वर मन्दिर में लगा है। यह चालय भीमदेष द्वितीय रमया है। इशमें इस समन्त मदन बहादेवको भी जर है । ० ० आरः भाण्डारकरका अनुमान है कि शायद उपर्युक्त किराके लेराफा असल इम मदन ब्रह्मदेवा उत्तराधिय हो । | इसमें जो कगिहा ( फासइद ) का नाम है बरारो र पक्षी तराईम हायब्रुः नामक गवसे तात्पर्य है। क्यों$ि वाजुर म बासिर लिखा है “जब कतद्दन अनलिवाड़े पर हमला करने के लिये अनसे रवाना हुआ। तर प्रयकर मार दारावी अधीनतमें की तराईमें चहतसे तिट या एकति हो गये और रास्ता रोककर ट गये । परन्तु मुसलमान ने उस स्थानपर उनसे लडने हिम्मत न , स्य उसी स्थानपर डकर मुस्तान मुहम्मद साम गरि जय हो चुका था । ” (१) Elliot's Hutpy n: Jhaan Fol I,P, 179 ३०१