पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/३५३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

________________

। भारतके प्राचीन राजवटा हराने मुरामानेना मद मईन यिा | सिंधुदुरजको मार । म नरतमुक्ति ( नान्य ) ॐ तत्वोंके जाननेवाला डार गुजराशके राजानै शय था । इसनै जानने महादेव को मन्दिर बनवाये थे । इस रानीका नार महानदेवी तथा पुनझिा नाम चाचिंगदेव गोर चमिपम था। |सपास ए फ़ताम पिसा है - अपर साइनाराज 3gया र नैरों इन झार झिया । इसपर वादशाहको उसपर धन्नाकर उसे काबुम झरना पद्मा।” ताजुलर अख्रिनं लिहू - | 4 दाम्नाद्दीन माम हुदा २ वर इर्ग निवानियन मुसलमानों द्वारा किये गये रापाती बदला लेनेच विचार क्रिया हैं। इनकी पशुले भी एक दो बार इसी मारकी शिकायत / युक: J7 1 इम लिए हाम्हनने व भारी सेना एनित की और रुद्दीन जी, ईज्ज़दीन चतिवार, नासिरुद्दीन मनशाह, नाझिीनी र बदरीन ४५६ को साथ ले जाळरयर चाई की। यह घर पर ही उदारह जार अज्ञेय फिल्में जा रहा । शाही फौजने पहुंचे ३] चर पा । इस पर उसने ही फोजके छ रॉो ध्यस्थ बना मा म कनेका यत्र प्रारम्म किया। इT चेन पर गिर हो ही रहा था कि च कि दो तन 5 * तोंड द्याले गये । इस पर वह गुले सिंर आर नपैद र सुरु नानक देग पर गिर पडा । पुरानने 11 दया र इसक म.फ कर द्विचा और उसका झिल्ला उसको हटा दिया । इराक एन्नजमैं राग कास्वरूप एक ऊट ऑर वीस घोड़े सुल्तान ही भेट किय, इस पर सुल्तान दिने हट गेमा । {}) 13EE's Farfailu Yel 1, 20 (2) Elot's Lisloze of India, Vol 1, 238 ३०४