पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/३५९

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मारतकै प्राचीन राजवंश दिया । इसहारकी सचर पाते हैं। अल्लाउद्दीन बहुत क्रुद्ध हुआ और उसने प्रसिद्ध छैनापति कृमालुदीन अधीनता एक बड़ी सेना सहायतार्थ रवाना की । मानने वहाँ पहुँच जाऊवर पर अधिकार कर लिया। और नेहरवे मप उसके कुटुम्ब और फौजके कत्ल कर डाला तया उसकी सारा खाना लूट लिया । । उपर्युक्त तवारीजसे उक्त घटनाका हिं• सु० ७९ (वि० सं० १५५६-" ३० सई १३०९ ) में होना पाया जाता है ।। मृता नैणसकी ख्यातमें लिखा है ---

    • नाचिगर्दैवके तीन पुत्र थे। सावतसी रावल, चाहद्ददेव जौर अन्न्न । सावतसके पुत्रको नाम कान्हदेव च । यह जादौरका राजा था । यह मय अपने पुत्र वीरमके बादशाहसे छहकर मारा गया । इसके मरनेपर जालोर वादशाके कब्जे में चला गयो । उक्त घटना वै: स १३६८* बशारत्र सुइ ५ को हुई थः । " | तीर्थकल्पके कर्ती जिनमभसरिन लिखा है ॐि वि० सं० १३६७ में अलाउद्दीनी सेनाने साचोर महादीर स्वामी के मन्दिरको नष्ट किया । इससे प्रकट होता है कि जालोरपर आक्रमण करते समय ही उक्त मन्दिर न किया गया होगा, क्योंकि साँचर और जालका अन्तर इ अधिक नहीं है ।

उक्त घटनाके साय ही नाडोके चौहान का मुख्य राज्य अस्त हो गया । इसके आसपास अलाउद्दीनने सिवाना और माचौर पर मी अपना प्रभुत्व फैला दिया । #िवानाचे किती होनेके विषमें तार फरिश्ता निचे हैं - "समय मलिक काफूर दक्षिण में राजा रामदेय पस्त करने में लगा था, उस समय अलाउद्दीन सिवानेके रांग तदेवसे दुर्ग हननेफी कोशिश कर रहा था। कई ई बार इस कार्य निष्पता हो चुकी ""( ५ ) IIrdev #tata va T as9-14