पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/३६२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

________________

जा लीरके सोनगरा चौहान । अबुलफजूलने आईने अकयरी में उक्त घटनाका वर्णन दिया है और माय ही उक्त हिन्दू राजाका नाम मालदेव लिया है। कर्नल टॉइने भी अकाउद्दीन इमारी जालोरके चोहन माल्देवक चिौरका सया जाना लिंखा है। | मालदेव तीन पुसे कीर्तिपाल (क्कीतू ) सम्भवतः रणपूरके | उसका चौहान भी फतुक ही होगा । ८-अनवरदेव । मृता नेणकी यात लेखानुसार यह मालदेवका तीसरा पुत्र था । १३० १ ० १३९४ ( ई० स० १३३१० ) की एक लेखे फोट सोलंकियों मिला है। इससे इस समय आपलपुरमें महाराजाधिराजीवावर देवका राज्य करना प्रकट होता है । परन्तु इसमें महाराणी हम्मीरा उल्लेख न होनस सम्भव है कि उस समय यहू स्वाधीन हो गया हो । ९-रणवीरव । | मूता नेणकी, ज्यातमें वनवीर पुत्रका नाम र य रणधीर लिया है। वि० सं० १४४३ (६० स० १६८६) की एक लेख्न नाइलाईसे मिला है। इससे उस समय माहूलाईपर चौहानवंशज महाराजांघराजवणवरदेव पुत्र राजा श्रारणावरदेसका राज्य होना पाया जाता है। | भूता नैसीके लेखानुसार रणवीर के दो पुत्र ये-केटण और राजधर । इनर्मको राजधर वि० सं० १६८२ में मारवाड़के राव रणमछके साथ लाईन मारा गया । कर्नल ने भी अपने इतिहासमें उन' पहनाका वर्णन किया है । (2) ARALI & Antiquities of Tagalbos, VILP 248 (3) batang Prakrit & Sanskrit Intoripol.p 114, - ११) p. Yad, Fi, x, p. 85,१४ } p. rnd., Fal, XI,P 83