पृष्ठ:भारत भारती - श्रि मैथिलिशरण गुप्त.pdf/५२

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भारत-भारती সুৰ আঁহ কাজ। कनिद शेक्सपियर तथा हेमर सदा सम्मन्य हैं, विख्यात फिरदौसी-सदृश कवि और भी अन्यान्य हैं। पर कौन उनमें मनुज-मन के मुग्ध इतना कर सके-- वाल्मीकि, वेदव्यास, कालीदास जितना कर सके। ।।१०४।। इतिहास संसार भर के ग्रन्थ-गिरि पर चित्त से पहले चढ़ो, उपरान्त रामायण तथा गीता-प्रथित भारत पढे । १--( ) नई रोशनी वाले पाठकगण ? अपने इलियड ( Illiad ) पदा है, दान्ते ( Dante ) शैक्सपियर (Shakespeare ) निल्टन ( 11to13 ) याद किया है, सादी और फिरदौसी को कण्ठ कर डाला है; किन्तु हुथा-बेषण कीजिए और अलाइ कि कौनही कथा हुय में सरस भावपूर्ण प्रतीत होती है ? औन-सी कथा से हृदथ अधिकतर लोदित, प्रोत्साहित और मुग्ध होता है ? भीष्मपितामह की अपूर्व अरत, दुःखिनी सीता की अपूर्व पतिव्रत्यकथा प्रत्येक हिंदू-सन्तान की नस नस में जुध रही है । हे परमेश्वर ! यह कथा-हिन्दू जाति ६ न भूले। आर. स. दैन । ( ख ) शकुन्तला काव्य के विख्यात कत कालिदास ने प्रेम-पात्रों * अन्तःकश्यों पर प्रभाद रखवाले स्वभाव का उत्कृष्ट दिग्दर्शन किया. है। विचार-तरङमार्दव और कल्पना शक्ति की उदात्त उत्पत्ति, इन दो बात ने उनको सम्पूर्ण राष्ट्र ( या जगत् ) के वियों में अते उच्च पद दिया है। मेंन तत्ववेत्ता बोल्ड।