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भारत में अंगरेज़ी राज

१२०२ भारत में अंगरेजी राज २-अंगरेज खैरपुर के राज की रक्षा करने और खैरपुर देरबार हर काम में अंगरेजों की सहायता करेगा । ३न्य विदेशी परतनों के साथ खैरपुर के अमीर बिना कम्पनी की सलाह इत्यादि के किसी तरह का समझौता या पत्र व्यवहार न करेंगे। ४ मीर रुस्तम खाँ के विरुद्ध अंगरेज उसके किसी रिश्तेदार ग्रा कुटुम्बी या प्रजा की कोई शिकायत न सुनेंगे और न राज के भीतर के सामतों में किसी प्रकार का हस्तक्षेप करेंगे।

५-दोनों सरकार के पलची पक दूसरे के दरवारों में रहा

करेंगेइस्यादि । सन्धि पत्र पर दोनों ओर के हस्ताक्षर हो गए ५ अंगरेजी सेना ने भक्खर के किले पर कब्जा कर लिया । जगह जगह अंगरेजी छावनियाँ पड़ गई" । अंगरेज राजदूत खैरपुर के दरबार में पहुँच गए 1 बूढ़े और भोले मोर रुस्तम खाँ के साथ अंगरेजों का व्यवहार अवअधिकाधिक धृष्टता का होता गया । वैरपुर के बूढ़े और - सम्मानित वज़ीरों का अपमान किया गया। नित्य नई ज्यादतियाँ होने लगींजिनको विस्तार से वथान करना अनावश्यक है। ईस्ट- , विक लिखता है "प्रत्येक ऐसा कार्य अर्थात् प्रत्येक इस प्रकार की ज़्यादती, जो हम बिना ख़तरे में पड़े कर सकते थे, हमने करनी शुरू कर दी । अधिक उम्र अन्याय, जिनमें यह साफ़ डर था कि हमें सिन्ध के साथ समय युद्ध करना

  • Drgy Lty45070 Yatarts Eght, pp, 252-58.