पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf/१२४

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सिन्ध पर अंगरेज़ों का क़ब्जा़

सिन्ध पर अंगरेजों का कब्जा २१९ मोर रुस्तम खाँ की आयु इस समय ८५ वर्ष की थी । ईस्ट- घिक दुख के साथ लिखता है कि अमीरों पर "हमने ख़ानदानी नरेशों के विरुद, जो कि हमारे मित्र थे, अनेक झूठी बातों के आधार पर उनका सर्वस्व छीन लिया, उन्हें जगह जगह भगाया, उन्हें केंद्र में डाल दिया, यह सक कि सिवाय मौत के और उनके पास इस भापति से छुटकारा पाने का कोई याचार उपाय न रहा t : नेपियर की सेना ने खैरपुर के नगर को लूटा 1 इसके बाद नापियर ने इमामगढ़ के किले पर हमला किया, किले लूट को तोड़ डाला औौर नगर को लूट लिया। इमामगढ़ के । बाद नेपियर ने हैदराबाद की ओर बढ़ना शुरू किया। समाचार पाते ही हैदराबाद क के अमीरों ने नेपियर के पाल फिर अपने दूत भेजे । नए सन्धि पत्र पर हस्ता हैदराबाद के के क्षर कर देने को रजामन्दी प्रकट की और नसीर नेपियर से प्रार्थना की कि श्राप हैदराबाद की और बढ़ कर घुथा रक्तपात से देश को बरबाद न कीजिये। ) खैरपुर और हैदराबाद के बीच में नौशहरा नामक स्थान पर इन दूतों ने नेपियर से भेंट की । नेपियर ने दूतों के उत्तर में उन्हें हैदराबाद के अमीरों के नाम एक पत्र दिया, जिसमें लिखा था कि आप मीर रुस्तम खाँ को हैदराबाद बुला लीजिएमैं मेजर ऊटरम को यहाँ से भेजता हूँ, मेजर ऊटरम बहाँ पर मीर रुस्तम खाँ के