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भारत में अंगरेज़ी राज

१२१८ भारत में अंगरेजी राज लिए क़ायम कर दी। जब कभी वह दिन आएगा कि हिन्दोस्तान के अन्दर गुप्त सेवाओं के लिए जो धन व्यय किया जाता है, उसका ब्यौरेवार हिसाब छाषा जायगा तब लोगों को अजीब नजीब चारों का पता चलेगा । इस बीच हममें से जो लोग अपनी ज़िन्दगी में यह देख चुके हैं कि इतिहास किस प्रकार लिखा जाता है, वे इस इतिहास का एक घटिया उपन्यास से अधिक मूल्य नहीं कर सकते ।" इससे मालूम होता है कि भारतवासियों के समान वीर बलूची भी १७ फ़रवरी को अंगरेजों की चांदी की गोलियों का शिकार होने से न बच सके ! १८ फरवरी को सवेरे नगर में प्रवेश करने के बाद जनरल नेपियर ने मेजर ऊटरम की मौजूदगो में मीर अमीर - नसीर खाँ को फिर यह विश्वास दिलाया कि द्वारा बलू ची सेना की सिन्ध के के अमीरों की सल्तनत उन्हें वापस दे । बर्दास्तगी दी जायगी, इस शर्त पर कि आप अपनी सेना को बरख़ास्त कर दें और उन्हें नगर के बाहर कर दें। मालूम होता है कि नसीर ख़ाँ के दिल से अब भी अंगरेजों का विश्वास न हटा

  • " Neither of our authorities tell us, nor can We expect a publich

document to do so, how the mulatto who bed charge of the Amirs' guns had been persunded to fire high and how the Talpur traitor who commanded the cavalry, openly drew of his men and showed the shameless example of Right. When the day shall come to publish details, concerning disbursement of

  • Secret service money in India the public wil learn 8trange thingg, Mein"

while those of ue who have lived long enough to see how history is ritten, ‘ean Zegard it as , but little better than a poor romance. "-Le y Stw Rtart: । Burionby Lady Bultoip 141: ’