पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf/१४३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
१२२८
भारत में अंगरेज़ी राज

भारत में अंगरेज़ी राज ' और थारामतलबी में कम डूबे हुए हैं ।” मुझे विश्वास है कि इस थात की पूरी तरह जाँच की जा चुकी है कि अमीर कभी भी मदिरा या - मादक द्रव्यों का उपयोग नहीं करते 1 ईं x & अमीरों के दरबार में कहीं हुनता दिखाई नहीं देता और न उनके कुटुम्ब में कोई अफ़ीम तक खाता है ।" कप्तान ईस्टबिक, जिसे वर्षों तक सिन्ध में अमीरों के साथ रहने का अवसर मिला और जो बहाँ की प्रजा के हर श्रेणी के लोगों में पूरी तरह मिलता जुलता रहा, लिखता है : "मैं सच्चाई के साथ कह सकता हैं कि मैंने किसी भी अमीर के विरुद्ध कभी कोई ऐसी बात नहीं सुनी कि जो अधिकांश अंगरेज़ भद्र पुरुषों के विरुद्ध न कही जा सकत्तो जहाँ मैंने है, केवल एक हो ।तक सना मिसाल को छोड़ कर उस झूल के किसी भी व्यक्ति के उपर कभी किसी जुर्म का इलज़ाम नहीं लगाया गया x ।' जिस एक मात्र मिसाल का ईस्टविक ने ज़िक्र किया है बह १५ 4 वर्ष पूर्व की यह घटना थी । कोई स्त्री बाहर से पढ़ाने के लिए मीर रुस्तम खाँ के ज़मानखाने में जाया करती थी । राजकुल के एक युवक मोहम्मद खाँ ने उस स्त्री के साथ अनुचित प्रेम दर्शाया। स्ली के पिता को पता लग गया। उसने महल में घुस कर मुहम्मद खाँ को बुरी तरह घायल कर दिया । मोहम्मद खाँ बच गया । किन्तु मीर रुस्तम खाँ ने इस मामले का पता चलने पर वजाय क्री के पिता & • Muir's f Sia,-by Dr. James Brrns, p. 67.

  • Dry Laapanjran Yout Egy , p, 68.