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भारत में अंगरेज़ी राज

१२३० भारत में अंगरेजी राज इस समय ८० से उपर है, उसकी समस्त शक्तियों ज्यों की स्यों बनी हुई हैं; उसकी स्मरण शक्ति बहुत अच्छी है, वह अपनी धार्मिक क्रियाओं का ठीक ठीक पालन करता है, उसका रहन सहम परहेज़गारी का है, वह दिन में 4 केवल एक बार खाना खाता है, और सिवाय पानी या दूध के और कोई चीन नहीं पीता है। % करनल ऊटरम ने उस समय के उन समस्त अंगरेज़ राजनैतिक अफसरों की, जिन्हें समय समय पर सिन्ध के अमीरों के साथ रहने का अवसर मिलता, इस विषय में गवाहियाँ जमा की हैं, और लिखा है कि वे सब गबाह एकमत से इस बात का समर्थन करते हैं कि सर विलियम नेपियर ने अपनी पुस्तक के अन्दर अमीरों के ऊपर जो जो इलज़ाम लगाए हैं वे सब के सब सर्वथा कल्पित हैं। इसके बाद हम केवल एक और अंगरेज कप्ताम गॉर्डन की राय नीचे उद्धृत करते हैं जो बहुत तक हैदरा दिनों मादक द्रव्यों से बाद में अमीरों के साथ रहा। वह ऊटरम को अमीरों को नफरत लिखता है- ‘आपके प्रश् के उत्तर में मैं लिखता हूँ कि सिन्ध के अमीर हद दरजे के परहेज़गार मनुष्य हैं, वे शराब और हर प्रकार की मदिरा से बहुत सशक्त परहेज़ करते हैं, सस्बा से भी उन्हें बड़ी प्रबल घृणा है, वे तम्बाकू की गन्ध तक सहन नहीं कर सकते ।. इसलिए तम्बाकू और शराब पीने के विषय में हम में से बहुतों के लिएजिन्हें कि अपनी अधिक उम्र सभ्यता

  • The Congust of Sik Courrentary, by Colonel Outrai, part i,

p. 54 * +lbid, art it,