पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf/१५०

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सिन्ध पर अंगरेज़ों का क़ब्जा़

सिन्ध पर का कब्जा अंगरचा १२३३ अंदर स्वयं हमारे इलाह्नों में चारों ओर लूट और रक्षपात का दौर था, सिंग्ध - में शान्ति और सुशासन कायम था ।'s ईस्टबिक के अनुसार सिन्ध के अमीरों की प्रजा खुशहाल और सन्तुष्ट थी। किसान से लगन अधिकतर मt । खेती चौर के रूप में लिया जाता था और राज का भाग यथाशी सदा के लिए नियत था 1 इसी कारण उन दिन सिन्ध की समस्त भूमि हरी भरी और पैदावार से लहलहाती हुई नजर आती थी । श्रावपाशी के लिए सिन्ध के मुसलमान अमीरों की वनवाई हुई सिन्धु नदी की लम्बी नहर, जिसे फुलैली कहते हैं, अभी तक मौजूद है । यह नहर निर्माण कला का एक अत्यन्त सुन्दर नमूना है। इसका एक चमत्कार यह है कि इसमें जगह जगह इस तरह पर ढाल दिया गया है कि ब्रिटिश भारत की अन्य नहरों के समान इसे समय समय पर साफ़ करने और मिट्टी निकलवाने की श्रावश्यकता नहीं पड़ती। अमीरों की तुच्छ से तुच्छ प्रजा भी दद्द फ़रियाद लेकर अपने नरेश के पास तक पहुँच सकती थी। हैदराबाद धार्मिक ई में अधिकांश आबादी मुसलमानों की थी, फिर सद्भावना भी कच्छगुजरात और राजपूताने के अनेक धनाड्य हिन्दू व्यापारी हैदराबाद में रहते थे । उन सबके साथ बहुत अच्छा व्यवहार किया जाता था। दिवाली के रोज हैदराबाद ।

  • Dry takejrow Jang Se, p, 242

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