पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf/१५५

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उन्तालीसवाँ अध्याय अन्य भारतीय नरेशों के साथ एलेन का व्यवहार मराठा मण्डल के पाँच मुख्य स्तम्भों में सबसे अधिक बलवान सधिया था 1 माधोजी सधिया के अधीन एक सींधिया वार क़रीब क़रीब समस्त मुराल साम्राज्य के शासन की बाग इस कुल के हाथों में आ गई थी। कम्पनी के शासकों की सदा से इस राज पर आंखें थीं । माधोजी सधिया के उत्तराधिकारी दौलतराव सींधिया को पट्ठल करने के जो अनेक प्रयत्न किए गए, उनका जिक्र पिछले आंध्या में किया जा चुका है । ग्वालियर राज के विरुद्ध लॉर्ड चेरिट की साज़िशों का जिक्र भी ऊपर आ चुका है। फिर भी सन् १८४३ तक महाराजा