पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf/१७४

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अन्य भारतीय नरेशों के साथ एलेनब्रु का व्यवहार

अन्य भारतीय नरेश के साथ एलेन का व्यवहार १२५७ । । १८४४ को लॉर्ड एलेनझू ने अपनी पदवी का भार जॉर्ड एलेनषु की लॉ हार्डि को सौंप दिया। जाने से पहले वापसी एलेन ने इस देश की ग्रीव प्रज्ञा के लिए नमक . का महसूल तक बढ़ा दिया। फ़ौज के लिए नई धारगो और छावनियों के बनवाने में उसने इतना अधिक खर्च किया कि कहा जाता है, कम्पनी के डाइरेक्टर उससे असन्तुष्ट हो गए, और यह भी उसके इतने जल्दी वापस बुला लिए जाने का एक कारण था । दूसरा कारण डाइरेक्टरों के उससे नाराज़ होने का यह बताया जाता है कि वह मुसलमानों को नाराज़ करके हिन्दुओं को खुश' करना चाहता था। डाइरेक्टरों में सम्भवत: लॉर्ड मैकॉले को राय के नामी अधिक थे । बास्तव में, इस विषय में अंगरेजी शासन की तराजू का पताड़ा कभी भी देर तक एक मोर को झुका हुआ नहीं' रहा । पलेन के समय से आज तक इस विषय में ब्रिटिश राजनीति बारी बारी कभी एक ओर गौर फिर कभी दूसरी ओर को झुकती दिखाई दी है ।