पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf/१७६

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पहला सिख युद्ध

पहला सिख युद्ध १५है : 66 'तुमने सुना होगा कि डाइरेक्टरों ने मुझे वापस बुला लेना उचित थ समझा है । मेरा उत्तराधिकारी मेरे तमाम विचारों को पूरा करेगा । यह मेरा आरयम्स विश्वस्त मिन्न है, और पिछले तीस साल से समस्त सार्वजनिक प्रश्नों पर मैं उसके साथ पत्र व्यवहार करता रहा हूँ ।” निस्सन्देह गवरनर जनरल हार्डि ने एलेनझू के काम को ज्यों का त्यों जारी रक्खा । गवरनर जनरली' सिख युद्ध की का पद संभालते ही उसने पजाब की सरहद तथ्यारी तरैया पर युद्ध की तैयारी और अधिक ज़ोरों के साथ शुक कर दी। सतलज नदी के दाई ओोर उस समय महाराजा रणजीतसिंह के बालक पुत्र महाराजा दलीपसिंह का राज था, और वाई और फीरोज़पुर, लुधियाना, अम्वाला और मेरठ, चार जगह अंगरेजों की मुख्य छावनियाँ थीं । एलेनउ के जाते समय फीरोज़ पुर की छावनी में ,५७६ सिपाही और बारद्द तोप थीं, हार्डिंस ने इसे बढ़ा कर १०,४७२ सिपाही और २४ तोप कर दो । लुधियाने की छावनी में ,०३० सिपाही थे, जिन्हें हाडिन ने बढ़ा कर ७,२३५ कर दिए 1 नम्बाले की छावनी में हार्डि से पहले ४,११३ सिपाही और २४ तोप थीं, जिन्हें हार्डि ने बढ़ा कर १२, ७२ सिपाही और ३२ तोप कर दीं । मेरठ की छावनी में ५,७३ सिपाही और १८ तोपें थीं, जिनकी जगह हार्डि ने ६,८४४ लिपद्दी और २५ तोप कर दीं । इस प्रकार इन चार छावनियों के अन्दर १७,६१२ सिपाहियों और ६६ तोपों को बढ़ा कर हार्डि ने ४०,५२३ सिपाही और 8४ तोप कर दीं। ख़ासकर लुधियाना और फीरोज़पुर को