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भारत में अंगरेज़ी राज

१२७६ भारत में अंगरेज़ी राज दिया जायगा और आपका रुतबा बढ़ा कर न केवल सतलज के इस पार की रियासतों में सबसे ऊंचा कर दिया जायगा, बल्कि . हिन्दोस्तान के बड़े से बड़े और प्राचीन महाराजाओं के तुल्य आपकी पदवी कर दी जायगी 1% विलियम एडवर्ड्स को अपने उद्देश में पूर्ण सफलता । प्राप्त हुई । अंगरेजी सेना के सतलज पार कर लाहौर की ओर बढ़ने से 'पहले अलीवाल और धुबरॉब नामक स्थानों पर दो और लड़ाइयाँ लड़ी गई। इन दोनों लड़ाइयों में अतोवा की लड़ाई अधिकतर एक कपोलकल्पित लड़ाई थी । बुडोवाल में अंगरेज़ी अलीवाल की सेमा का सामान सिख सेना ने छीन लिया लड़ाई था । इस घटना को किसी तरह खींच तान कर भी अंगरेजों को विजय नहीं कहा जा सकता । थोड़ी देर बाद ) आलीबाल में सिख सिपाहियों का एक छोटा सा दस्ता चला जा रहा था । अंगरेजी सेना के कुछ सिपाहियों ने उनके पीछे गोली चला दी। दोनों ओर से थोड़ी सी फट फट हुई । फीरोज़शहर की हार के कारण अंगरेज़ों के युद्ध बल का उस समय चारों और मज़ाक उड़ रहा था । फ़ौरन् अलीवाल की इस छोटी सी घटना assurance of present tewards and future pensions, and the immediate decision of any aw stits in which the deserters tnigat be engaged in the British provinces, "--Cunninghams story of thz S#, page 321, . * retaises of a Bagal Chrian, pp. 92, 98.