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पहला सिख युद्ध

पहला सिख ग्रुद्ध १२८३ झाम चंशा के निर्दोष औौर पदच्युत राजा प्रतापसिंह को उसने सतारा बनारस के अन्दर ऐसी बुरी स्थिति में रक्ग्ला कि राजा प्रतापसिंह की रानी बीमार होकर मर शासन काल की अन्य घटनाएँ गई, प्रतापसिंह का स्वास्थ्य चेहद बिगड़ गया, उसके अंगरेज़ जलर मेजर कारपेण्टर तक ने प्रतापसिंह की नियत को तसदीक करते हुये गबरनर जनरल से दया की सिफारिश की, फिर भी लॉर्ड हार्डि ने परबा न की और अक्तूबर सन् १८४७ में राजा प्रतापसिंटू घुल जुल कर मर गया। अंगरेज इतिहासलेखक तडलो लिग्नता है ‘यद पापकर्म लॉर्ड हार्डि के नाम के साथ सदा के लिए लगा रहेगा ?' नेपाल के अन्दर अराजकताहत्या औौर साजिश का वैसा ही वाज़ार गरम किया गया जैसा खिक युद्ध से पहले पजाब में । उस समय से ही नेपालियों में एक संसल मशहूर है कि-संगर के साथ सांथ बन्दूक चलती है और इवील के साथ साथ सदन । ’ किन्तु नेपाल में क्षेत्र इतनी आसानी से तैयार न हो सका। प्रत्रध के बादशाह को भी ‘तम्बी' करने के लिए लॉर्ड हार्डि लम्रनऊ पहुँचा, किन्तु यहाँ भी मामला पकने में अभी कुछ देर थी। लॉर्ड हार्डि पंपने श्रापको एक धर्मनिष्ठ ईसाई प्रकट करता हानि की था 1 अक्तूबर सन् १८८६ में उसने एक कानून धर्मनिष्ठा पास किया कि रविवार के दिन कोई किसी से

  • ' Vith this evil decu Lord 11arding's name is" inzearahly connectr."

--British Imanby Ludioएy, wol, ii, p, 154.