पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf/२२१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
१३००
भारत में अंगरेज़ी राज

१३०० भारत में अंगरेजी राज में एक दिन मूलराज ने किले से निकल कर एडवर्ड्स और उसके साथियों को बुरी तरह शिकस्त दी । एडवर्ड्स को अपनी जान वचा कर मुलतान से भाग जाना पड़ा लिखा है कि यदि एडवर्ड्स के सिख लाधी समय पर उसकी सहायता न करते तो एडवर्ड्स के लिए जान बचा कर आा सकना असम्भव था। राजा शेरसिंह को भी सूलराज के विरुद्ध सफलता प्राप्त न हो सकी। शेरसिंह की सिख सेना मूलारा से जा एडवर्ड्स की मिस्ती है कि भी मूलराज मालूम होता शेरसिंह जालसाज़ी की ओर जा मिलताकिन्तु एडवर्डस ने बड़ी चाल से शेरसिंह की ओर से मूलराज के लूिस में अविश्वास बनाए रक्खा । एक मुसलमान लेखक सर चार्ल्स नेपियर के नाम अपने ६ अक्तूबर सन् १८८ के पत्र में लिखता है "एडवर्ट वड़ी मेहनत से जमरन शेरसिंह की ओोर से इस तरह के जाती तूत लिखता है कि जो मृतराज के जायें और रहा हाथों में पड़ जिससे उसके चित में शेरॉसंह की ओर से सन्देह उत्पन्न हो जाय । इस काम में एडवर्ड्स को थोड़ी बहुत सफलता भी प्राप्त हुई है, और मूलराज एडवर्ड्स पर हमला करने से रुक रहा है 19 राजा शेरसिंह के लाहौर के चलते समय तक सरदार चत्तर

  • ‘ Edgardes has been busy, writing falso letters from General Sher

Singato fal into the hands of Mool Raj to create suspicion, in which he partially succeeded and prevented Mool Raj attacking him. "--Lik f Str ' Charts Vaicr, vol iv2. 129