पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf/२२२

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१३०१
दूसरा सिख युद्ध

दूसरा सिख . १३०१ सिंह और कप्तान ऐबट के बीच झगड़ा अधिक न बढ़ा था । कान ऐबट और उसके साथियों ने इस ख़ ख़ज़ार सुलतान का निवासियों से यह वादा किया कि यदि तुम मोहसरा चतरसिंह को बाहर निकालने में अंगरेज़ को मदद दोगे तो तुम्हारा तीन साल का लगान माफ़ कर दिया। जायगा 1 मामला इस हद को पहुँचा कि शेर सिंह को मुलतान छोड़ कर अपने पिता की मदद के लिए उत्तर की ग्रोर जाता जाना पड़ा । मुलतान का किला एक काफ़ी मज़बूत कि ला था । उसे विजय करना इतना आसान न था 1 अगस्त सन् १८८ में सर चार्ल्स नेपियर ने अपने भाई के नाम एक पत्र में स्लिग्षा-- ‘यदि एडवर्ड स ने मृतराज को हरा दिया तो उसे कोई ख़तरा नहीं दे किन्तु यदि मूलर जीत गया तो दुबई से की हालत खतरनाक है। जायगी; x हैं ” यदि मूल के यादसी ईमानदार रहे तो एष्ट्घई और मुलतान नहीं ल सकतायदि वे बेईमान सायित हुए तो मुलतान का नगर स्वयं ही शपने दरवाज़े खोल देगा । सितम्बर सन् १८८ में मुलतान का मोहासरा हटा लिया गया। मुलतान के मोहालरे की असफलता के कारण सिर्षों की - - - २- - - - - - - - • "t he (I4, 1. 8. Edardes) breats tool Raj, he will be sath : but it Mool Raj kets an advnlage Edwardes osition will he dancerat, . . . it Mool Raj's men are true, Ediaries can not take AMultan, it tey are alse. the town will open its gtes. "-lhi, wol. iv, n, t06