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भारत में अंगरेज़ी राज

११२२ भारत में अंगरेजी राज यह दशा तो उस समय शिक्षा के विस्तार की थी, अब रही शिक्षा देने की प्रणाली। इतिहास से पता चलता है भारतीय शिक्षा कि उन्नीसवीं सदी के में डॉक्टर पण्ड्यंत है शुरू प्रणाली नामक एक प्रसिद्ध अंगरेज़ शिक्षा प्रेमी ने इस देश से इङलिस्तान जाकर वहाँ पर अपने देश के बालकों को । भारतीय प्रणाली के अनुसार शिक्षा देना शुरू किया । ३ जून सम् १८१४ को कम्पनी के डाइरेक्टरों ने वड्राल के गबरनर जनरल के नाम एक पत्र भेजा, जिसमें लिखा है “शिक्षा का जो सपा बहुत पुराने समय से भारत में वर्षों के आचय के अधीन जारी है उसकी सबसे बड़ी प्रशंसा यही है कि रेवरेण्ड डॉक्टर बेल के अधीन, जो सद्मास में पादरी रह चुका है, वही तरीका इस देश ( इस . लिस्तान) में भी प्रचलित किया गया है, अब हमारी राष्ट्रीय संस्थाओं में इसी तरीके के अनुसार शिक्षा दी जाती है, क्योंकि हमें विश्वास है कि इससे भाषा का सिखाना बहुत सरल और सीखना बहुत सुगम हो जाता है। कहा जाता है कि हिन्दुओं की इस श्रत्यन्त प्राचीन और लाभदायक संस्था को सतनों के उलट फेर भी कोई हानि नहीं पहुंच सके हैं ” ।

  • . "The mote ot instruction that from time immemorial has been

practised under these masters has received the highest ribute of praise by its * adoption in this country under the direction of the Reverend DL. Bell, formerly chaplain it AMadras k and t is nor become the mode by which education is conducted in otr national establisludents, from a conviction ot the facility it affords in the acquision of language by simplifying the process of instruction. " This venerable and ben evolent institution of the Hindoos is represen-