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१३१६
भारत में अंगरेज़ी राज

१३१६ भारत में अंगरेज़ी राज ओर से वरमा सरकार के साथ युद्ध का एलान कर दिया और रंगून का मुहावरा शुरू कर दिया । बरमी जहाज का पकड़ा ही वास्तव में युद्ध काkश्रीगणेश था । कॉबडेन लिखता है "रंगून के शासक का व्यवहार इसके बाद बहुत कम महरव का विषय रह जाता है-राजनीतिज्ञ , इतिहास लेखक, और धर्म धर्म की विवेचना करने वालों के लिए प्रश्न यह है कि बरमी शासक का व्यवहार चाहे कुछ भी क्यों न रहा हो, जब हम यह जानते थे कि घर म के महराजा का भाव हमारी छोर- मित्रता का था, तब क्या हमारे लिए बरसी कौम के साथ युद्ध प्रारम्भ कर देना न्याय्य था ? रंगून के बाशिन्दे और राज कर्मचारी लैम्बर्ट के इस व्यवहार को देख कर चकित रह गए 1 राज कर्मचारियों

ने बड़ी नम्रता साथ और बार

राजकर्मचारियों की के बार लैम्बर्ट से प्रार्थना की कि आप वरमा के सरकारी जहाज को छोड़ दें और वरमा दरबार के साथ आपकी जो कुछ शिकायतें हैं, एक बार मित्र भाव से उनके निबटारे का हमें प्रार्थना अवसर दें । किन्तु कमाण्डर लैम्बर्ट ने एक न सुनी। ६ जनवरी को बरमी जहाज पकड़ा गया । तीन दिन तक कमाण्डर गोलाबारी लैम्बर्ट के आदमियों ने उसे बन्दरगाह के अन्दर रखा। इन तीन दिन के अन्दर भी बरसी कर्मचारियों ने अपनी

  • " The comduct of the Governor of Rangoon is now a subject of

minor importance -the question for the statesman, the historial and the