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१३३६
भारत में अंगरेज़ी राज

१३३६ भारत में अंगरेजी राज समस्त रहा सहा इलाक़ा अंगरेज़ी राज में मिला लिया गया, और भारत के एक और प्राचीन रजकुल का अंत हुआ। इतिहास लेखक लडलो लिखता है "जिस समय से गवरनर जनरल ने अपनी इस अपहरण नीति का एलान कियाउस समय से ही भारतीय नरेशों में पुत्रविहीन मौतें इतनी अधिक होने लगीं कि जिसे देख कर मनुष्य को आश्चर्य हुए बिना नहीं रह सकता है। उस समय की भारतीय रियासतों और उनके अन्दर कम्पनी के कारनामों का कोई सच्चा इतिहास किसी भारतवासी के हाथ का लिखा हुआ नहीं मिलता, इसलिए इतिहास लेखक लडलो के आश्चर्य को हल कर सकना अब असम्भव है। हिन्दूसिखबौद्ध या मुसलमान किसी भी धर्म के भारतीय नरेश डलहौजी के चढल से न बच सके । उसके मुसलिम रियासतें भारत आगमन के समय दो विशाल मुसलमान राज भारत में मौजूद थे। उत्तर में अब का राज और दक्खिन में निज़ाम की रियासत । इनमें से प्रत्येक की वार्षिक आमदनी कई करोड़ रुपए थी। अवध हिन्दोस्तान के सबसे अधिक ज़रबूज़ हिस्सों में गिना जाता था और बरार में अनेक धातुओं की । कानें थीं ।

  • " One can not ail to be struck with the frequency of death without

heirs among Indian sovereigns from the moment when the policy of annexa tion is proclaimed by a Governor-General, "-Ludlors British laudia, vol, ji, p, 190,