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भारत में अंगरेज़ी राज

१३४८ भारत में अंगरेज़ी राज दिन गुज़र गएबाजिदअली शाह ने फिर भी दस्तख़त करने से इनकार किया। इस पर कम्पनी की सबसीडोयरी सेना ने सब ५ सन्धियों को खाक में मिलाकर लखनऊ के महल में जबरदस्ती प्रवेश किया। कम्पनी की मर्यादा के अनुसार महतों को लूटा गया, बेगमों का अपमान किया गया, वाजिद अली शाह को कैद करके कलकत्ते भेज दिया गया, और समस्त अबध पर कम्पनी का कब्ज़ा हो गया। इसी समय के निकट वाजिद-लो शाह के शासन और उसके चरित्र पर तरह तरह के झूठे कलक लगा कर वाजिदअली शाह अनेक पुस्तकें लिखवाई गई। इनमें एक प्रसिद्ध पर झूठे कल पुस्तक लॉर्ड डलहौज़ो के जीवन चरित्र के रचयिता अरनॉल्ड की लिखी हुई है। हमें इन रद्दी पुस्तकों और उनके झूठे इलज़ामों पर बहस करने की आवश्यकता नहीं है । खर जॉन के के शब्दों में कम्पनी की यह एक प्रथा थी कि जिस देशी नरेश का राज छीना जाता था उसे जन सामान्य की दृष्टि में गिराने के लिए उसके चरित्र पर अनेक झूठे दोष लगाये जाते थे। किन्तु दुर्भाग्यवश अरनॉल्ड जैसों की पुस्तकों के आधार पर अनेक उपन्यास रचे गए 1 वाजिदअली शाह के कल्पित पाप इतिहास से इतिहास में नक़ल किए जाने लगे और आज तक वाजिदअली शाह के असंख्य देशनिवासी तक इनमें से अनेक गन्दे इतज़ामों को सच्चा मानते चले आ रहे हैं । हमारा कदापि यह अभिप्राय नहीं है कि वाजिद्रअली शाह के