पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf/३०

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भारतीय शिक्षा का सर्वनाश

भारतीय शिक्षा का सर्वनाश . ११२& कारण और धनधान लोग सब विद्या प्रचार को उत्तेजना और सहायता दिया करते - थे । वे देशो दरबार अब सदा के लिए मिट चुके और अब वह उत्तेजना और सहायता साहित्य को नहीं दी जाती ।’’ सारांश यह कि जो कहानी कैम्पबेल ने मद्रास प्रान्त की बग्राम की है वही कहानी वास्तव में समस्त ब्रिटिश भारत की थी। प्राचीन शिक्षा प्रणाली और शिक्षा संस्थाओं के सर्वनाश के चार मुख्य कारण गिनाए जा सकते हैं भारतीय शिक्षा (१ ) भारतीय उद्योग धन्धों के नाश और सर्वनाश के

  • रार के कम्पनी की लूट से देश की बढ़ती हुई दरिद्रता ।

( २ ) प्राचीन ग्राम पंचायतों का नाश और , उस नाश के कारण लाख ग्राम पाठशालाओं का अन्त । (३ ) प्राचीन हिन्दू और मुसलमान नरेश की ओर से शिक्षा सम्बन्धी संस्थाओं को जो आर्थिक सहायता और जागीरें बँधी हुई थीं, कम्पनी के राज में उनका छिन जाना । और ( ४ ) नए अंगरेज शासकों की ओर से भारतवासियों की शिक्षा का विधिवत् विरोध । इस चौथे कारण को अधिक विस्तार के साथ बयाम करना जरूरी है। सन् १७५७ से लेकर पूरे सौ वर्ष अंगरेज शासकों की ओर से तक लगातार बहस होती रही कि भारतवासियों भारतवासियों को को शिक्षा देना अंगरेजों की सत्ता के लिए शिक्षा का विरोध हितकर है या अहितकर ॥ शुरू के दिनों में - - - - - - - - - - - " (alker Hamilcon in 1828Ihid, wol. i, , 203.