पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf/३०८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
१३८७
सन् १८५७ की क्रान्ति से पहले

सन् १८५७ की क्रान्ति से पहले s. इस राष्ट्रीय योजना को फूलने फूलने के लिए सबल अच्छा । । -- स्थान दिल्ली के लाल किले में मिलाजिसके कारण अपर बर्ग किए जा चुके हैं । सम्राट बहादुरशाह, उसकी योग्य यंगम जीनत महल और उनके सलाहकारों ने ट्रेन और नाना का पूरा साथ देने का निश्चय कर लिया। लिग्ना है कि इस विषय में दिल्ली के सम्राट और ईम के शाह के बीच भी कुछ पत्र व्यवहार सुप्रा 1 दिल्ली के नगर में भी गुप्त सभाएं होने लगे और तदबी, सोत्री जान लगा । इसके बाद हो वध के अंगरेजी राज में मिलाए जाने या समय आया। सर जॉन के लियता है कि इस अवध प्रर एक घटना से नाना को बहुत पी सहायता । क्रान्ति मिली । सर जॉन न के शब्द है - - " अंगरेजों के इस अन्तिम राज-खपहरण का इतना प्रयास प्रभाव प। कि लोग एक दूसरे से पूछने गहरी कि आप कौन सुरक्षित २८ सफगा : ! गदि अंगरेस सरकार ने प्रबंध के नया जैसे अपने ग्राफ़ादार दोस्त पर मदद। का राज छीन लिया जिसने कि घायश्यकता के के समय अंगरे तों को मदद दी थी तो अंगरे तों के साथ वफ़ादारी करने से क्या लाभ १ यहां जाना है कि जो रामा पीर नयाय उस समय तक ( विलय से ) पीछे छूट रहे थे ये एय गे यदमे लगे घर मामा साहय को अपने पत्रों का यथेष पर मिलने लगा ।" Ito nne extremity to another of the real continent : lia, Mt: 721 १५ ! the Na na Sahe had paid with ovetered and iavierसे १९८९-: , १ी. mysteriouly, worled to princey ard chipk s' in है :- १, १०८५० -aye'laia8 AMuttim, vol. i, p , 24