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भारत में अंगरेज़ी राज

१३४ भारत में अंगरेज़ो रोज सूचना प्रत्येक केन्द्र के केवल मुख्य मुख्य नेताओं को और प्रत्येक पलटन के तीन तीन अफसरों को दी गई। शेष क कर्तव्य केवल एक अपने नेताओं की आज्ञा पर कार्य करना था।

विविध देशी पलटन के बीच भी इस समय खूब पत्र व्यवहार हो रहा था । इस प्रकार के एक पत्र में, जो क । पलटनों के बीच अंगरेजों के हाथों में पड़ा, लिखा था -'भाइयो, एं में पत्र व्यवहार हम स्वयं विदेशियों की तलवार अपने शरीर के अन्दर छप रहे हैं। यदि हम खड़े हो जाएँ तो सफलता निश्चित है। कलकत्ते से पेशावर तक सारा मैदान हमारा होगा ।” इतिहास लेखक के लिखता है कि सिपाही लोग रात को अपनी गुप्त सभाएँ किया करते थे जिनमें बोलने वालों के मुंह पर नकाब पड़ा होता था।