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१४०२
भारत में अंगरेज़ी राज

१४०२ भारत में अंगरेजी राज दी । किन्तु १४ नम्बर पलटन का एक नौजवान सिपाही मझल पाँडे अपने आपको न रोक सका । २४ मार्च १८५७ को पलटन परेड के मैदान में बुलाई गई। जिस समय पलटन आकर खड़ी हुई मछुल पांडे मंगल पांडे तुरन्त अपनी भरी हुई बन्दूक लेकर सामने कूद पड़ा और चिल्ला कर शेष सिपाहियों को अंगरेजों के विरुद्ध धर्म द्ध प्रारम्भ करने के लिए झामन्त्रित करने लगा 1 एक अंगरेज अफ़सर लारजेण्ट मेजर ह्यूसन ने जब यह देखा तो उसने सिपा- हियों को माशा दी कि मझेल पाँडे को गिरफ्तार कर लो, किन्तु कोई सिपाही आज्ञा पालन के लिए आगे न बढ़ा । इतने में मर्केल पांडे ने अपनी बन्दूक की एक गोलो से तुरन्त सारकण्ठ मेजर ह्यूसन को वहीं पर ढेर कर दिया। इस पर एक दूसरा अफ़सर लेफ्टिनेएट वाघ अपने घोड़े पर आगे लपका । उसका घोड़ा अभी कुछ दूर ही था कि पाँडे ने एक दूसरी गोली से घोड़े और सवार दोनों को जमीन पर गिरा दिया । मझल पाँडे ने तीसरी बार अपनी बन्दू भरने का इरादा किया । लेफ्टिनेण्ट बाघ ने उठ कर और आगे बढ़ कर पाँडे पर अपनपिस्तौल चलाई पर पाँडे व गया। पॉडे ने अब फ़ौरन अपनी तलवार निकाल कर इस दूसरे अंगरेज़ | अफ़सर को भी वहीं पर समाप्त कर दिया। थोड़ी देर बाद करमल व्हीलर ने आकर सिपाहियों को हुकुम दिया कि मझेल पाँडे को गिरफ्तार कर लो, सिपाहियों ने इनकार कर दिया। करनल घबरा कर जनरल के बँगले पर गया । जनरल हीयरले समाचार