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रवी के कारतूस और क्रान्ति का प्रारम्भ १४२७ आलो ने किले पर कब्जा करने का प्रयत्न किया । जिले के भीतर के सिखों को उसने स्वाधीनता के युद्ध में भाग लेने के लिए निमन्त्रित किया 1 किन्तु सिखों पर इसका कोई असर न हुआ । यद्यपि बिप्लबकारियों के सब से अधिक महत्वपूर्ण त्यों को बयान करना अभी बाकी है, फिर भी इस समय से ही अंगरेजों को ओर से प्रतिकार की ग्राग भड़कनी शुरू हो गई । ,