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भारत में अंगरेज़ी राज

१४३८ भारत में अंगरज़ी राज जिस स्थान का जिक्र चाल्र्स वॉल के पूक्त उद्धरण में किया गया है, केवल उस एक स्थान के विषय में इतिहास लेखक के - स्वीकार करता है कि वहाँ पर छे हजार भारत वासियों का संहार किया गया। निस्सन्देह अकेले इलाहाबाद के इलाके में नोल ने इतने भारत वासियों का संहार किया जितने अंगरेज पुरुष, त्रियाँ और बच्चों का समस्त भारत के प्रन्टर भी सन् १७५८ भर में विप्लव कrयों ने नहीं किया । सर जॉर्ज कैम्पबेल लिखता है

  • और मैं जानता हूँ कि इलाहाबाद में बिलकुल बिना किसी तमीज़

के करलेश्राम किया गया था ।” “ हूं और इसके बाद नीरज ने वे काम किए जो करतेमाम से भी अधिक मालूम होते थे, उसने लोगों को जान शुरू कर इस तरह की यातनाएँ दे देकर मारा जिस तरद्द की यातनाएँ, जहाँ तक हमें सुबूत मिले हैं, भारतवासियों ने कभी किसी को नहीं दीं ।’’ बनारस के समान इलाहाबाद के नगर पर भी अंगरेजों का फिर से कब्जा हो गया। यद्यपि जनरल नील अंगरेजों के साथ और उसके साथियों ने इलाहाबाद निवासियों से बदला चुकाने में कोई कसर नहीं की, फिर असरा infats at their hreasts, tele the weight ot our vengeance o less ,than the vilest Imalefactors. "-Holmes ' Soy Sway 1. 229-30. " " . . . and I kno एक that at Allahabad here were far too wholessale । 8xecutions. . . . . And afterwards Neil did things almost more than the massncre, putting to death with deliherate torture, in a way that has never been proved against the natives, "-Sir George Campbell, Provisional Civin Commissioner in the Mutiny, as quoted in The Oticr Sidk tak tdal by Edward ThompsonP, 8t.