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भारत में अंगरेज़ी राज

१४५२ भारत में अंगरेजी राज में पाँच हजार रुपए मासिक पेनशन देने का वादा किया गया। | रानी ने तिरस्कार के साथ अस्वीकार किया। १ रानी लक्ष्मीबाई ३ विधवा रानी के साथ एक इससे भी कहीं पर आरोप अधिक अन्याय किया गया। इतिहास लेखक | सर जॉन के लिखता है

    • उस पर दोषारोपण किए गए, क्योंकि हम लोगों में यह एक रिवाज | है किX X X पहले किसी देशी नरेश का राज ले लेते हैं और फिर पद

च्युत नरेश या उसके उत्तराधिकारी की झूठी बुराइयाँ करने लगते हैं। कहा गया कि रानी लक्ष्मीबाई केवल बच्ची हैं और दूसरों के प्रभाव में रहती है। यह भी कहा गया कि रानी को नशे का व्यसन है। यह बात कि रानी केवल बच्छी नहीं है उसकी बातचीत से पूरी तरह सावित है, और उसके नशा करने की बात बिलकुल झूठी कल्पना मालूम होती है। निस्सन्देह किसी भी मनुष्य के साथ और विशेषकर किसी स्त्री के साथ इससे बढ़ कर अन्याय नहीं किया रानी लक्ष्मीबाई जा सकता। रानी लक्ष्मीबाई के व्यक्तिगत चरित्र का चरित्र के विषय में हम केवल एक विद्वान् अंगरेज़ की राय और उद्धत करते हैं, जो उस समय लक्ष्मीबाई के रहन सहन "Evil things were said of her, for it is a custom among us odisse quern caesaris-to take a Native ruler's kingdom and then to revile the deposed ruler or his would be successor. It was alleged that the Rani was a mere child under the influence of others, and that she was much given to intemperance. That she was not a mere child was demonstrated by her conversation; and her intemperance seems to be a myth."-Sir John Kaye's History of the Sepoy War, vol. iii, pp. 361-62.