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दिल्ली, पंजाब और बीच की घटनाएँ

दिल्ली, पजाब और बीच की घटनाएँ १४८. अब हम फिर क्रान्त के प्रधान केन्द्र दिल्ली की ओर आते हैं । हम ऊपर लिख चुके हैं कि लॉर्ड कैनिर्जी ने दिल्ली। ऐनसन के साथ का समाचार पाते ही कमाण्डरइनचीफ जनरल हिन्दोस्तानी जनता ऐनसन को आज्ञा दी कि तुम फ़ौरन दिल्ली पर का सहयोग चढ़ाई करके दिल्ली फिर से विजय करो। जनरत ऐनसन शिमले से अम्बाले पहुँचा । अम्बाले पहुंच कर उसने दिल्ली पर चढ़ाई करने की तैयारी शुरू की। इस कार्य में ऐमसन को बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ा और बड़ी देर तगी । कारण यह था कि अस्व ाले और उसके आस पास का कोई हिन्दोस्तानी अंगरेजों को किसी तरह की सहायता देने के लिए तैयार न था। ऐनसन को न गाड़ियाँ मिलती थीं और म मज़दूर, म रसद मिलती थी और न चारा 1 इतिहास लेखक के लिखता है हर श्रेणी के भारतवासी हमसे दूर रहे । ये लोग ख़ामोश बैठे हुए इस बात की प्रतीक्षा कर रहे थे कि परिस्थिति किस चोर को पड़ती है । जी पति से ले कर कृत्ति तक, सब एक समान हमें सहायता देने में सोचा करते थे, क्योंकि उन्हें सन्देह था कि कदाचित् हमारी संसता एक दिन के अन्दर उखड़ कर फिक्र जाय १श्च . एक दूसरी कठिनाई पेनसन के सामने और थी । आम्व ले और दिल्ली के बीच में पकाव की तीन प्रमुख रियासतें सिखराजाओं का पटियाला, नाभा और झींद के इला पड़ते थे । ? देशद्रोह यदि ये तीनों रियासतें उस समय देश का साथ